पटना /संस्कृत के बड़े बिद्वान आचार्य आद्या चरण झा की जयंती पर शकुन्तला अरुण द्वारा लिखित कहानियाँ के संग्रह किताब का बिमोचन किया गया.
डॉ सुलभ ने कहा की कहानिया जीवन मे अनेक परिवर्तन कर करती है, कहानियो का हमारे जीवन मे बहुत बड़ा योगदान है. कहानी मानव मन की ग्रंथियों मे जुड़ी हुई है. जिज्ञासु मन के माध्यम दे दादी नानी की कहानियाँ का बच्चों के मन पे बहुत प्रभाव रहता है.
ये बाते बुध बार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्बेल न के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने कही. आचार्य आद्या चरण झा शिक्षा के छेत्र मे जिस मुकाम को हासिल किये ओ आज के समय मे मुश्किल है. ओ एक टीचर से कुलपति तक का सफर संस्कृत के माध्यम से पुरा किया और हमेशा संस्कृत को आगे करने के लिए संघर्ष रत रहे.
डॉ सुलभ ने बताया की आज भी उन साउथ इंडिया के उन गांव के लोग बधाई के पात्र जो लोग आर्य भाषा को जीवन्त रखे हुए है. समारोह मे प्रधानमंत्री डॉ शिववंश पाण्डेय के साथ अनेक हिन्दी के बिद्वान उपस्थित रहे.
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Santosh Garg
आदरणीय अनिल सुलभ जी! आप जो साहित्य की सेवा कर रहे हैं वह प्रशंसनीय ही नहीं पूजनीय भी है। हिंदी साहित्य के प्रति आपका लगाव,झुकाव व तन-मन-धन से समर्पित भाव देवतुल्य कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी..आपको जन्म देने वाले माता-पिता को शत-शत नमन ..।
संतोष गर्ग , अध्यक्षा- राष्ट्रीय कवि संगम इकाई चंडीगढ़
santoshgarg1211@gmail.com