आरा – जिलाधिकारी श्री रोशन कुशवाहा ने कृषि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं किसानों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने के उद्देश्य से क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं की वास्तविक स्थिति तथा किसानों की समस्याओं से रूबरू हुए। इस क्रम में जिलाधिकारी ने आरा सदर प्रखंड के खजुरिया,बिहिया प्रखंड के दोघरा पंचायत में संचालित सामुदायिक नर्सरी विकास योजना तथा बिहिया में बिस्कोमान द्वारा खाद विक्रय हेतु कृषक सेवा केंद्र तथा जगदीशपुर के चकवा पंचायत में श्री विधि खेती का निरीक्षण किया तथा आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार को पंचायतों में घर- घर भ्रमण कर प्रत्येक किसान को सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में
जानकारी देने को कहा । जिलाधिकारी ने ग्रामीण किसानों से सरकार द्वारा अनुदानित दर पर सरकार द्वारा खाद एवं बीज के वितरण संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मौके पर उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी को खाद एवं बीज के दर एवं बिक्री केंद्र की प्रखंड वार सूची का प्रचार प्रसार कराने तथा किसानों को अवगत कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बिहिया अवस्थित बिस्कोमान द्वारा संचालित कृषक सेवा केंद्र के खाद गोदाम में खाद की उपलब्धता,भंडार पंजी मे उपलब्ध खाद की प्रविष्टि, तथा पौश मशीन की सत्यता का निरीक्षण किया। पौश मशीन की कार्यप्रणाली की जांच एवं सत्यापन उन्होंने खुद एक किसान की भांति की। सामुदायिक नर्सरी विकास योजना के संदर्भ में किसानों को जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने बतलाया की कृषि रोडमैप के अधीन राज्य में खरीफ मौसम में धान की सामुदायिक नर्सरी तैयार करने का प्रावधान है। नर्सरी में तैयार विचड़ों को इच्छुक एवं जरूरतमंद कृषकों के बीच शत-प्रतिशत अनुदान पर वितरण किया जाना
है। एक कृषक को अधिकतम 1 हेक्टेयर अर्थात 2.5 एकड़ में धान रोपनी हेतु बिचड़ा उपलब्ध कराया जा सकेगा । धान की सामुदायिक नर्सरी क्लस्टर में किया जाएगा तथा एक क्लस्टर का न्यूनतम रकवा 5 एकड़ होगा ।इसके लिए उपादान मद में नर्सरी विकास हेतु प्रति एकड़ की दर से 5840 रुपया दिया जाएगा। बिचड़ा वितरण हेतु प्रत्येक किसान को प्रति एकड़ की दर से ₹1000 डीबीटी के माध्यम से किसान के खाते में सरकार द्वारा राशि चली जाएगी। नर्सरी स्थल के चयन में इच्छुक लघु एवं सीमांत कृषकों के समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। नर्सरी ऊंचे अस्थल पर पर्याप्त सिंचाई सुविधा युक्त होगा ताकि नर्सरी अस्थल बाढ़ अथवा अत्यधिक वर्षा अथवा सुखाड़ से प्रभावित नहीं हो। वाह अथवा सुखाड़ के फलस्वरूप बिचड़ा क्षति से प्रभावित कृषकों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ,भूमिहीन एवं बटाई पर जोत करने वाले कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बिहार, ब्यूरो