आज का दिन देश के लिए गौरव का दिन है, आज पूरे विश्व के सामने चीन का भोपू अखबार ग्लोबल टाइम्स ने माना भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मारा, 20 सैनिक मारे गए, कंट्री साइड न्यूज़ की खबर पर मुहर. हमारे सूत्रों ने बताया था भारतीय सैनिकों ने 60 चीनी सैनिकों को मारा. आज पूरे विश्व के सामने नया इंडिया का पहचान मिला. आज भारतीय सेना कहीं भी जीत सकती है. मोदी का हिम्मत का दिन है, मोदी ने सैनिकों को हिम्मत के साथ और प्यार दिया जिसे आज भारतीय सेना कहीं भी विजय पताका लहरा सकती है. जिन को समझ नहीं आ रहा है युद्ध करू या ना करू. जिनको एहसास है यह मोदी का भारत है. लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच चल रही तनातनी अभी कम नहीं हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रहे तनाव को लेकर संसद में बयान तो दिया, लेकिन इस दौरान उन्होंने देपसॉन्ग को लेकर कोई बात नहीं कही. भारत और चीन के बीच देपसॉन्ग को लेकर कई सालों से विवाद बना हुआ है. हालात ये हो चुके हैं कि चीनी सैनिक यहां पर लगातार भारत के पेट्रोलिंग दस्ते को रोक रहे हैं.इस पूरे मामले पर एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि देपसॉन्ग से हमारा विवाद काफी पुराना है और इसे पेंगोंग झील, चुशूल, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स और गलवान घाटी में इस साल हुए विवाद से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि देपसॉन्ग में विवाद कुछ और है. वहां पर कभी भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प की नौबत नहीं आई. दोनों ही देश देपसॉन्ग में अपने-अपने दावे करते रहे हैं. वहां पर पहले ही तरह ही यथास्थिति बनी हुई है और दोनों देशों की सेनाएं एक ही जगह पर टिकी हुई हैं.चीन से चल रहे विवाद को देखते हुए रक्षा से जुड़े कुछ अधिकारियों की चिंता बढ़ी हुई है. उन्होंने चीन की धोखेबाजी से आगाह करते हुए कहा है कि चीन दूसरी जगहों पर मोर्चा इसलिए खोलने की कोशिश कर रहा है ताकि देपसॉन्ग से भारत का ध्यान भटकाया जा सके. चीन को पता है कि देपसॉन्ग नियंत्रण रेखा पर उसके लिए कितनी अहमियत रखता है. बता दें कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी पिछले पांच महीनों से भारतीय सैनिकों को देपसॉन्ग में पारंपरिक पेट्रोलिंग पॉइंट्स 10, 11, 11A, 12 और 13 पर जाने से रोक रही है.पीपल्स लिबरेशन आर्मी की सैन्य टुकड़ी बॉटलनेक या वाई जंक्शन पर कैंप लगा रही है. भारत की ओर से बताया गया है कि चीन की सेना देपसॉन्ग में 18 किलोमीटर तक आगे आती है. चीन ने यहां पर 972 वर्ग किलोमीटर जमीन पर अपना दावा किया है. बता दें कि चीन के लिए देपसॉन्ग इसलिए ज्यादा मायने रखता है क्योंकि देपसॉन्ग-दौलत बेग ओल्डी सेक्टर उसके वेस्टर्न हाइवे G-219 के बिल्कुल करीब है जो तिब्बत को शिंजियांग से जोड़ता है. यहां पर चीन ने अपने 12 हजार सैनिकों को टैंकों और आर्टिलरी गनों के साथ तैनात कर रखा है.लेकिन भारतीय सेना के पराकर्म के सामने चीन कही नहीं टिकता.
कौशलेन्द्र पाण्डेय, संपादक.