पटना सिविल कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला आया. फैसले के बाद परिजनों ने कहा आतंकवादियों को फांसी होनी चाहिए. हत्यारों ने मेरे सुहाग का उजाड़ा उनको निश्चित फांसी हो. NIA ने 198 गवाह पेश किये..कोर्ट ने दस आरोपियों में से नौ को दोषी करार दिया जिनमें इम्तियाज अंसारी, हैदरअली,नवाजअंसारी,मुजमुल्लाह, उमर सिद्धकी, अजहर कुरैशी, अहमद हुसैन, फिरोज असलम, इफ्तेखार आलम शामिल हैं.कोर्ट ने एक आरोपी फकरूद्दीन को रिहा कर दिया. इस केस में अब एक नवम्बर को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई होगी. मालूम हो कि पटना में 27 अक्टूबर 2013 को पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान गांधी मैदान में धमाके हुए थे. भाजपा की हुंकार रैली के दौरान सिलसिलेवार बम ब्लास्ट होने से भगदड़ मच गई थी. इस धमाके के दौरान नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेता गांधी मैदान में मौजूद थे. गांधी मैदान से पहले एक धमका पटना जंक्शन पर भी हुआ था. पटना में हुए इन सीरियल धमाकों में 6 लोगों की मौत हुई थी वहीं करीब 84 लोग घायल हुए थे.पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट केस में इस मामले का अनुसंधान nia ने मजबूती से अगले दिन से ही शुरू कर दिया था और महज एक साल के अंदर 21 अगस्त 2014 को कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद nia की टीम ने इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैशी और तौफिक अंसारी को गिरफ्तार किया था.पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट का मास्टर माइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह था. बताया जाता है कि बम धमाके के बाद वो डर गया था इसीलिए मौके से भागने की कोशिश की लेकिन तब तक पुलिस मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया गया था. इस बीच पूछताछ के दौरान उसने जुर्म कबूल कर लिया. उसने पूछताछ में बताया था कि वो अपनी पूरी टीम के साथ गांधी मैदान में हुंकार रैली को दहलाने के लिए पहुंचा था. गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज से जब एनआइए की टीम ने सख्ती से पूछताछ शुरू की तो उसने कई नाम उगले. इसके बाद मास्टर माइंड मोनू उर्फ तहसीन समेत दो दर्जन से अधिक आतंकियों को जांच एजेंसी ने दबोचे. इसके बाद में बोधगया ब्लास्ट मामले का खुलासा भी इसी आतंकी के बयान से हुआ था.