प्रिया सिन्हा, सब एडिटर /राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद के बजट सत्र को संबोधित किया. महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि 90% से अधिक लोगों को लगा टिका है. मेक इन इंडिया का सपना साकार हो रहा है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश को मिलेगी नई दिशा. किसान रेल सेवा की उपलब्धि बताया. मुस्लिम बालिकाओं को स्कूल छोड़ने में आई कमी.उन्होंने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार की उपलब्धियां पर रोशनी डालते हुए कहा कि कोरोना महामारी में भारत का सामर्थ्य उभर कर सामने आया है. उन्होंने कहा कि भारत में बन रही वैक्सीन्स पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रही हैं.राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में उन तमाम पहलुओं का जिक्र किया जिनका देश की अर्थव्यस्था पर सीधा-सीधा असर देखने को मिलता है. उन्होंने गरीबों के चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डाला तो कृषि जगत की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया. राष्ट्रपति ने सूचना-तकनीकी की क्षेत्र में आ रहे बदलावों को एक बड़ी उपलब्धि बताया.उन्होंने कहा कि हमारा स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम, हमारे युवाओं के नेतृत्व में तेजी से आकार ले रही अनंत नई संभावनाओं का उदाहरण है. वर्ष 2016 से हमारे देश में 56 अलग-अलग सेक्टर्स में 60 हजार नए स्टार्ट-अप्स बने हैं. इन स्टार्ट-अप्स के जरिए छह लाख से अधिक रोजगारों का सृजन हुआ है. वर्ष 2021 में कोरोना काल में भारत में 40 से अधिक यूनिकॉर्न-स्टार्ट-अप अस्तित्व में आए जिनमें से प्रत्येक का मूल्य 7,400 करोड़ रुपए से अधिक आंका गया है.राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज भारत उन देशों में है जहां इंटरनेट की कीमत सबसे कम है, तथा स्मार्टफोन की कीमत भी सबसे कम है. इसका बहुत बड़ा लाभ भारत की नौजवान पीढ़ी को मिल रहा है. भारत 5G मोबाइल कनेक्टिविटी पर भी तेजी से काम कर रहा है जिससे अनेक नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे. सेमी-कंडक्टर को लेकर भारत के प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ हमारे स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम को होगा. भारत के युवाओं को तेजी से बदलती टेक्नॉलॉजी का लाभ मिले, इसके लिए भी सरकार ने अनेक नीतिगत निर्णय लिए हैं, कई नए सेक्टरों में प्रवेश के द्वार खोले हैं. सरकार ने के माध्यम से पेटेंट और ट्रेडमार्क से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान बनाया है, उन्हें नई गति दी है. इसी का परिणाम है कि इस वित्त-वर्ष में पेटेंट के लिए लगभग 6 हजार और ट्रेडमार्क के लिए 20 हजार से ज्यादा आवेदन किए गए हैं.राष्ट्रपति ने लगातार सुधरती अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है. देश में जीएसटी कलेक्शन पिछले कई महीनों से निरंतर, एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है.