धीरेन्द्र बर्मा, प्रधान संपादक
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने आज मुंबई में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष का पद संभाला। वे बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष हैं। इसी के साथ 33 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) भी भंग हो गई। गांगुली निर्विरोध चुने गए हैं। वे जुलाई 2020 तक इस पद पर बने रहेंगे।गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय ने सचिव और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल ने कोषाध्यक्ष का पद संभाला। इनके अलावा उत्तराखंड के महिमवर्मा उपाध्यक्ष और केरल के जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव बने। गांगुली ने 15 अक्टूबर क ट्विटर पर जय शाह, अनुराग और अरुण के साथ एक फोटो शेयर की थी।सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में सीओए का गठन किया था
जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने मंगलवार को सीओए को भंग करने का आदेश दिया था। बीसीसीआई के संचालन के लिए चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की सिफारिशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में सीओए का गठन किया था।‘अगले कुछ महीनों में हम सबकुछ ठीक कर देंगे’गांगुली ने 14 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के बाद कहा था, ‘‘पिछले तीन सालों में जो कुछ भी हुआ,उसके बाद भारतीय क्रिकेट प्रशासन के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण समय है। एक ऐसी भूमिका में होना, जहां मैं टीम के साथ कुछ अलग कर सकता हूं, ये बेहद संतुष्टिदायक होगा। उम्मीद है अगले कुछ महीनों में हम सबकुछ ठीक कर देंगे और भारतीय क्रिकेट को सामान्य स्थिति में ले आएंगे।’’गांगुली 10 महीने अध्यक्ष पद पर रहेंगे गांगुली सिर्फ 10 महीने ही बीसीसीआई के अध्यक्ष रहेंगे। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, कोई व्यक्ति राज्य या बीसीसीआई में लगातार 6 साल से अधिक समय तक नहीं रह सकता और गांगुली 2014 से ही बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (कैब) के अध्यक्ष रहे थे।ऐसे में वे जुलाई 2020 तक ही बीसीसीआई अध्यक्ष रहे सकेंगे। इसके बाद उन्हें तीन साल के कूलिंग पीरियड पर जाना होगा। यानी वे तीन साल तक राज्य या बीसीसीआई में किसी पद पर नहीं रह सकते।