प्रिया सिन्हा /मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार ने उदयपुर में राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय जल मंत्रियों के सम्मेलन, 2025 में ‘जल शक्ति’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कोसी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या के समाधान हेतु कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता पर गहन चर्चा हुई। उन्होंने तटबंधों के चौड़ीकरण एवं ऊँचाई बढ़ाने के साथ-साथ नेपाल सरकार से समन्वय स्थापित कर नेपाल में हाई डैम के निर्माण पर जोर दिया। साथ ही, भूगर्भीय जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बिहार में सतही जल आधारित जलापूर्ति योजनाएँ विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
माननीय मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार की पहल से उत्तर बिहार की बाढ़ प्रवण नदियों के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के सूखाग्रस्त जिलों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे सतत जलापूर्ति सुनिश्चित होगी और जल संकट की समस्या का दीर्घकालिक समाधान संभव होगा।मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार की प्रमुख उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया कि राज्य ने वर्ष 2016 में ही ‘हर घर नल का जल’ योजना की शुरुआत की थी, जब केवल 2% घरों में ही नल से जल आपूर्ति थी। मिशन मोड में कार्य करते हुए अब तक सभी ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग एवं पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1,23,936 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया गया है तथा 1,74,47,055 घरों में गृह जल संयोजन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। राज्य के 30,207 ग्रामीण वार्डों में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ।आगे उन्होंने कहा बिहार सरकार और जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से राज्य में जल आपूर्ति और जल संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं। जल आपूर्ति योजनाओं में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ने से वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं, जिससे समाज में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा मिली है। स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के कारण डायरिया, हेपेटाइटिस जैसी जलजनित बीमारियों में कमी आई है, जिससे शिशु मृत्यु दर में भी गिरावट दर्ज की गई है। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली हैl
बिहार सरकार ने वर्ष 2047 तक जल-सुरक्षित राष्ट्र के निर्माण हेतु महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किए हैं। इस लक्ष्य के तहत 24×7 जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से बढ़ाकर 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की जाएगी। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट वाटर मीटर एवं आधुनिक तकनीक से जल आपूर्ति प्रणाली की निगरानी की जाएगी।उदयपुर में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय जल मंत्रियों के सम्मेलन 2025 में केंदीय जल शक्ति मंत्री सहित उड़ीसा,त्रिपुरा एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं विबिन्न राज्यों के उपमुख्यमंत्री एवं पदाधिकारियो ने भाग लिया।जल संरक्षण और सतत जलापूर्ति की दिशा में राज्य सरकार अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
