नालंदा – साइकिल यात्रा पर निकले शहीद यादगार समिति (ढोली-सकरा)मुजफ्फरपुर के अध्यक्ष सोहनलाल आजाद आज पटना पहुंचे और शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया।श्री आजाद विगत 18 जून 2019 को मुजफ्फरपुर स्थित खुदीराम बोस स्मारक स्थल से अपनी साईकिल यात्रा की शुरुआत की है पटना, इलाहाबाद, दिल्ली, अमृतसर, कटक, मिदनापुर आदि जगहों पर स्थित शहीदों की स्थली को नमन करते हुए देशभर के अन्य शहीद स्थलों पर भी श्री आजाद यात्रा के क्रम में जाएंगे और माल्यार्पण करेंगे।
उल्लेखनीय है कि शहीद यादगार समिति के अध्यक्ष श्री आजाद इससे पहले 8 अप्रैल 1992 मंगल पाण्डेय के बलिदान दिवस पर पैदल यात्रा कर देश भर के शहीद स्मारकों से मिट्टी लाए और समिति के कार्यालय में वेदी बनाकर उसकी पूजा करते हैं। शहीद यादगार समिति का उद्देश्य है देश के एक-एक व्यक्ति के अंदर देशभक्ति के जज्बे को बनाए रखना। उनका कहना है की देश की आजादी के लिए हुए लंबे संघर्ष में जिन हिन्दू, मुस्लिम,सिख सहित देश के हजारों सपूतों ने बलिदान दिया उनमें से अधिकांश शहीदों को देश की जनता जानती तक नहीं है । इन शहीदों की यादगारी बनाए रखने के लिए उन शहीद स्थलों पर नमन करते हुए स्थानीय लोगों को आजादी की संघर्ष गाथा और कुर्बान हुए देशभक्तों के जज्बे की याद दिलाते हैं ताकि लोगों के बीच देशभक्ति का जज्बा बना रहे, देश की एकता-अखंडता के लिए नई पीढ़ी समर्पित रहे।
मौके पर बिहार सरकार के उप सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि देशभक्ति से बड़ा कोई धर्म नहीं होता और देश की आन-बान और शान के प्रतीक तिरंगे की शान के आगे तन-मन-धन सब कुर्बान हो जाए इस जज्बें को दिल में समेटे हाथों में तिरंगा थामें देशभक्त यादगार समिति (ढोली-सकरा) मुजफ्फरपुर के नौजवान सोहन लाल आजाद 18 जून 2019 को मुजफ्फरपुर स्थित खुदीराम बोस स्मारक स्थल से अपनी साईकिल यात्रा की शुरुआत कर देश के शहीद स्मारकों पर माल्यार्पण व नमन कर जन-जन को बताने के लिए निकलें हैं। इतिहास बहुत सा गुमनाम शहीदों को भुला दिया है, इसलिए आप जीवन को सफल नहीं, सार्थक बनाएँ।
देशभक्ती कोई नयी नही है, यह प्राचीन काल से ही लोगों के खुन में है ।
देशभक्ति एक विरासत है जो हमें अपने पूर्वजों से मिली है।
पटना के शहीद स्मारक के पास सोहन लाल आजाद जी को सम्मानित करते हुए देशभक्त समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि भारत को वीरों का देश कहा जाता है। यहां बहुत से वीर पैदा हुए हैं और देश के लिए अपनी जान भी देते हैं।देश के लिए बहुत से वीरों ने हंसते हंसते जान भी दे दी है। देश की आजादी के लिए लाखों लोगों ने प्राण त्याग दिए। ये सब का देश के लिए प्यार ही था जिसकी वजह से हम आजाद हैं। देशभक्ति एक विरासत है जो हमें अपने पूर्वजों से मिली है। यह चिंगारी है जो देश की भावना को जगाती है। एक देशभक्त व्यक्ति को हमेशा अन्य देशवासियों से सम्मान, प्यार, समर्थन और कभी ना खत्म होने वाला स्नेह मिलता है। यह केवल उनके बलिदानों के कारण ही नहीं बल्कि देश के प्रति प्रेम, देखभाल, समर्पण और स्नेह के कारण भी है। मैं आप सभी को प्रेरित करते हुए यह कहना चाहूँगा कि कभी भी देशभक्ति की भावना को कम ना होने दें। यह देश के विकास और समृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है।
इस अवसर पर डॉ रामबदन बरुआ, लाल बाबू सिंह, समाजसेवी राकेश बिहारी शर्मा, गुटका छोड़ो अभियान के प्रणेता आशुतोष कुमार मानव, सद्भावना मंच के दीपक कुमार, फिल्मकार एसके अमृत, अविनाश राय, वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद दत्त सहित दर्जनों लोगों ने श्री आजाद के साथ शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया। गौतम बुद्धा ग्रामीण विकास फाउंडेशन नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिलास कुमार तथा अन्य लोगों ने यात्रा के लिये जरूरी सामान एवं अंगवस्त्र देकर सोहन लाल आजाद को विदा किया।
डी.एस.पी.सिंह