राज्य में नदियों के जलस्तर और बांधों की स्थिति पर पैनी नजर रखें। सुबह-शाम हालात की मॉनिटरिंग करते रहें ताकि किसी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके। मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के हिसाब से सतर्क रहें और सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को ये निर्देश संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिए। शुक्रवार को एक अणे मार्ग में समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के प्रवाह से बांध पर होने वाले प्रभाव को भी देखें। वाटर डिस्चार्ज पर नजर रखें। जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग संभावित सभी परिस्थितियों के लिए आपस में समन्वय बनाये रखें। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अब तक राज्य में हुई बारिश की स्थिति, बिहार तथा नेपाल में हो रही भारी बारिश से नदियों के बढ़ रहे जलस्तर और तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। बैठक में आने वाले कुछ दिनों में संभावित बारिश की रिपोर्ट पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मौके पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह मौजूद थे।
कोसी, कमला बलान, गंडक, बागमती, अधवारा समूह की नदियां उफान पर
बीते कई दिनों से जारी बारिश के कारण राज्य की नदियों का पानी लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार की सुबह से शाम तक कई नदियों का पानी 50 हजार क्यूसेक तक बढ़ गया। इससे राज्य के कई जिलों के कुछ नए इलाके में पानी प्रवेश करने की आशंका बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा, परमान, भुतही बलान का पानी और बढ़ने की संभावना है। हालांकि जल संसाधन विभाग ने सूबे के सभी तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार कोसी नदी का पानी बराह में शुक्रवार की सुबह एक लाख 20 हजार क्यूसेक था, जो शाम तक एक लाख 77 हजार क्यूसेक को पार कर गया। बीरपुर बराज में कोसी का पानी सुबह में एक लाख 65 हजार क्यूसेक था जो शाम तक एक लाख 91 हजार क्यूसेक और गंडक नदी का पानी वाल्मीकिनगर में 52 हजार से बढ़कर 75 हजार क्यूसेक हो गया। सोन नदी का पानी इंद्रपुरी बराज पर शाम में 48 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया। बागमती नदी सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डुब्बाधर, कनसर-चंदौली और कंटौझा में और कमला बलान का पानी मधुबनी के जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर हो गयी। इसी तरह भुतही बलान मधुबनी, ललबकिया पूर्वी चम्पारण और महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान को पार कर गया।