नई दिल्ली :कौशलेन्द्र पाण्डेय
कंट्री इनसाइड न्यूज़ का सवाल, क्या देश को तोड़ना ही असली आजादी है. क्या कश्मीर मे 70साल तक भारतीय संविधान को नहीं माना गया यही आजादी है. क्या शरजील इमाम ने जो कहा की असम को तोड़ देंगे यही आजादी है. औयेशी का भाई बोलता है हैदराबाद हमारे बाप का है, क्या यही आजादी है. JNU मे जो हो रहा है क्या ये लोकतंत्र के लिये ठीक है.
क्या नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री है इसीलिए इतनी आजादी की मांग हो रही है.
जब पुर्व के समय कांग्रेस की सरकार थी तो ये जितने भी आजादी गिरोह के सदस्य थे उस समय के प्रधानमंत्री से अपनी मांग मनवा लेते.
आज देश को अशांत कर देश को कमजोर करने वाले जरा सोचे की क्या अगर मोदी नहीं होते तो इतना डिंग डाँग कर पाते.
आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर गृहमंत्री से अपील, ऐसे आजादी मांगने वालों को या तो पुरी आजादी दे या इन्हे जिस देश मे ज्यादा आजादी हो वहां भेजनें का प्रबंध करें.