कौशलेन्द्र पाण्डेय,
सोमवार को लोकसभा में नागरिक संशोधन बिल आसानी से पास हो चुका है. अब आज यह बिल राज्यसभा में पेश होगा. राज्यसभा की कार्यवाही की सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे इस बिल पर चर्चा शुरू होगी. राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा की खातिर 6 घंटे का समय तय किया गया है. मोदी सरकार की असल परीक्षा तब होगी जब चर्चा के बाद बिल राज्यसभा में पारित किया जा रहा होगा. राज्यसभा में इस दौरान हंगामे की पूरी संभावना है क्योंकि बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस, टीएमसी और सपा ने भी अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है.
गौरतलब है कि नागरिक संशोधन बिल के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से लोकसभा में तो सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई. लेकिन शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यसभा में समर्थन देने के लिए शर्त रखकर फिलहाल सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है. लेकिन अगर राज्यसभा का दलगत आंकड़ा देखें तो मोदी सरकार इसे यहां भी आसानी से पास करा सकती है.121 वोटों की जरूरत
राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं. लेकिन फिलहाल पांच सीटें रिक्त हैं. जिसके चलते राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 240 है. इसका मतलब यह है कि बिल के लिए अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें तो बहुमत के लिए 121 वोटों की जरूरत पड़ेगी.राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल पास कराने के लिए मोदी सरकार को जितने सांसदों के वोट चाहिए उससे काफी ज्यादा संख्या में सांसद उनके पक्ष में वोट कर सकते हैं. आपको बता दें कि राज्यसभा में बीजेपी के 83, जेडीयू के 6, एआईएडीएमके के 11, बीजेडी के 7, एसएडी के 3, आरपीआई के 1, एलजेपी के 1, वाईएसआर कांग्रेस के 2, टीडीपी के 2, एजीपी के 1, बीपीएफ के 1, एनपीएफ के 1, एसडीएफ के 1, नॉमिनेटेड 3 सदस्य, निर्दलीय एवं अन्य 4 सदस्यों के साथ कुल 127 सांसद हैं जो बिल के पक्ष में वोट कर सकते हैं. लेकिन सरकार की तरफ के दो सांसद स्वास्थ्य कारणों की वजह से अनुपस्थित भी रह सकते हैं.